Volume 14 | Issue 5
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छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर इसकी रीति-रिवाजों और त्योहारों के माध्यम से प्रकट होती है, जो राज्य की सामाजिक संरचना, सामूहिकता, और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती है। यह अध्ययन छत्तीसगढ़ के प्रमुख रीति-रिवाजों और त्योहारों का विश्लेषण करता है, जिनमें जन्म, विवाह, मृत्यु से जुड़े परंपराएं और हरेली, पोला, तीजा, मड़ई जैसे त्योहार शामिल हैं। यह रीति-रिवाज और त्योहार न केवल सामाजिक एकता को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि सामूहिक सहयोग, पर्यावरण संरक्षण, और सांस्कृतिक पहचान को भी सुदृढ़ करते हैं। समय के साथ आधुनिकता, वैश्वीकरण, और पर्यावरणीय चुनौतियों ने इन परंपराओं को प्रभावित किया है। हालांकि, यह परंपराएं अभी भी सामूहिकता और सामाजिक समरसता बनाए रखने में प्रासंगिक हैं। इस अध्ययन में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और भविष्य में इसे प्रासंगिक बनाए रखने के लिए सुझाव प्रस्तुत किए गए हैं। यह अध्ययन न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक संरचना को समझने में सहायक है, बल्कि यह परंपरा और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाने की दिशा में भी मार्गदर्शन प्रदान करता है। छत्तीसगढ़ की परंपराएं और त्योहार आज भी सामुदायिक भावना और सांस्कृतिक एकता के आदर्श उदाहरण हैं।