IJFANS International Journal of Food and Nutritional Sciences

ISSN PRINT 2319 1775 Online 2320-7876

आधुनिक समय में समावेशी नशक्षा की आवश्यकता

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Ajay Kumar

Abstract

आधुनिक समय में, समावेशी नशक्षा एक महत्वपूर्ण अवधारर्ा बि गई है। यह नशक्षा का एक ऐसा दृनिकोर् है जो सभी बच्ोों को, उिकी क्षमताओों, योग्यताओों, और पृष्ठभूनम की परवाह नकए नबिा, गुर्वत्तापूर्ण नशक्षा प्रदाि करिे पर जोर देता है। समावेशी नशक्षा में यह मान्यता निनहत है नक सभी बच्े सीखिे में सक्षम हैं, और उन्हें सफल होिे के नलए आवश्यक सहायता और सोंसाधि प्रदाि नकए जािे चानहए। आधुनिक समय में समावेशी नशक्षा की आवश्यकता कई कारर्ोों से है। सबसे पहले, यह सामानजक न्याय और समािता के नसद्ाोंतोों के अिुरूप है। यह सुनिनित करता है नक सभी बच्ोों को नशक्षा तक समाि पहोंच प्राप्त हो, और उन्हें अपिी पूरी क्षमता तक पहोंचिे का अवसर नमले। दू सरा, समावेशी नशक्षा बच्ोों के समग्र नवकास को बढावा देती है। जब बच्े नवनभन्न पृष्ठभूनम और क्षमताओों के साथ नमलकर सीखते हैं, तो वे एक-दू सरे से सीखते हैं, और सामानजक और भाविात्मक कौशल नवकनसत करते हैं। वे सहािुभूनत, स्वीकृ नत और सम्माि की भाविा नवकनसत करते हैं, जो जीवि में सफल होिे के नलए आवश्यक हैं। तीसरा, समावेशी नशक्षा नशक्षा प्रर्ाली को अनधक कु शल बिाती है। जब सभी बच्ोों को एक ही नशक्षा प्रर्ाली में शानमल नकया जाता है, तो यह सुनिनित होता है नक सोंसाधिोों का अनधक कु शलतापूवणक उपयोग होता है। यह नवशेष नशक्षा कायणक्रमोों की आवश्यकता को भी कम करता है, जो अक्सर महोंगे होते हैं। समावेशी नशक्षा एक ऐसी नशक्षा प्रर्ाली है जो सभी बच्ोों को, उिकी क्षमताओों और सीखिे की शैनलयोों की परवाह नकए नबिा, एक साथ सीखिे का अवसर प्रदाि करती है। यह पारोंपररक नशक्षा पद्नत को चुिौती देता है, जो अक्सर छात्ोों को उिकी शैक्षनर्क योग्यता या अक्षमताओों के आधार पर अलग करती है। समावेशी नशक्षा का लक्ष्य एक ऐसा वातावरर् बिािा है जो नवनवधता का सम्माि करता है और प्रत्येक छात् को उिकी पूर्ण क्षमता तक पहुँचिे में सहायता करता है।

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