Volume 14 | Issue 5
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कोई भी रचनाकार अपनी समकालीन परिस्थितियों में जीता है और ये परिस्थितियाँ उसके वैचारिक धरातल के निर्माण में बहुत सक्रिय रहती है किन्तु ये तात्कालिक परिस्थितियाँ ही नहीं, रचनाकार अतीत से भी प्रभावित होता है फिर उसकी शिक्षा दीक्षा, परिवारिक पृष्ठभूमि, उसके अपने संस्कार और उसकी अपनी व्यक्तिगत सोच भी उसकी विचारधारा को प्रभावित करते हैं। तुलसी ने जिस समाज में जन्म लिया, जिन परिस्थितियों को झेला, उनसे उनकी वैचारिक मनःस्थिति पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा और आगे चलकर इसी से उनकी रचना धर्मित का स्वरूप और उनकी समाज को देखने की दृष्टि निर्धारित हुयी ।