IJFANS International Journal of Food and Nutritional Sciences

ISSN PRINT 2319 1775 Online 2320-7876

तुलसीदास के विचार एवं रामचरितमानस : एक साहित्यिक अध्ययन

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पूजा शर्मा, डॉ० ज्योति यादव

Abstract

कोई भी रचनाकार अपनी समकालीन परिस्थितियों में जीता है और ये परिस्थितियाँ उसके वैचारिक धरातल के निर्माण में बहुत सक्रिय रहती है किन्तु ये तात्कालिक परिस्थितियाँ ही नहीं, रचनाकार अतीत से भी प्रभावित होता है फिर उसकी शिक्षा दीक्षा, परिवारिक पृष्ठभूमि, उसके अपने संस्कार और उसकी अपनी व्यक्तिगत सोच भी उसकी विचारधारा को प्रभावित करते हैं। तुलसी ने जिस समाज में जन्म लिया, जिन परिस्थितियों को झेला, उनसे उनकी वैचारिक मनःस्थिति पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा और आगे चलकर इसी से उनकी रचना धर्मित का स्वरूप और उनकी समाज को देखने की दृष्टि निर्धारित हुयी ।

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