IJFANS International Journal of Food and Nutritional Sciences

ISSN PRINT 2319 1775 Online 2320-7876

पं. दीनदयाल उपाध्याय कृत उपन्यास जगतगुरु शंकराचार्य में निरूपित राष्ट्र

Main Article Content

- डॉ. ओम मिश्र आचार्य, डी.लिट्. (अ.)

Abstract

जगत्गुरु शंकराचार्य भारतीय संस्कृति के विराट समन्वयकर्ता थे। उन्होंने सनातन धर्म-संस्कृति में उस समय समन्वय कर जो कार्य किया था उसने उस समय के विश्व को, भारत को समन्वित करने का महान कार्य किया था। उन्होंने भारत में चारों दिशाओं में चार मठों की स्थापना इसी समन्वय के लिए की थी। उन्होंने उस समय जब यातायात के साधन न थे तब सम्पूर्ण भारत की पदयात्रा समन्वय स्थापन के लिए ही की थी। 1 वे केरल के कालड़ी जहाँ उनका जन्म हुआ था वहां से प्रारंभ कर काशी, हरिद्वार, ऋषिकेश, व्यासघाट, बछेली खाल, देवप्रयाग, श्रीक्षेत्र श्रीनगर, गढ़वाल, नंदप्रयाग, जोशीमठ बद्रीनाथ, केदारनाथ पहुंचे। उन्होंने वद्रीकाश्रम में ज्योतिर्पीठ, पश्चिम में शारदापीठ, दक्षिण श्रृंगेरीपीठ और पूर्व में जगन्नाथपुरी गोवर्द्धनपीठ की स्थापना की 12

Article Details