IJFANS International Journal of Food and Nutritional Sciences

ISSN PRINT 2319 1775 Online 2320-7876

प्रेमचंद के साहित्यिक परिदृश्य का भारतीय चलचित्रों में प्रतिफलन: विविधता और उन्नति की अवधारणा

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Seema Bairagi, Dr.Sunil Pal Patil

Abstract

प्रेमचंद की साहित्यिक रचनाएं भारतीय साहित्य और सिनेमा दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार स्तम्भ मानी जाती हैं। उनकी रचनाओं में सामाजिक यथार्थवाद, मानवीय संवेदनाएं और गहन नैतिक विचारों का चित्रण होता है, जो भारतीय सिनेमा के विकास और विविधता में गहरा प्रभाव डालते हैं। इस शोध पत्र में, हम प्रेमचंद की रचनाओं के भारतीय सिनेमा पर पड़ने वाले प्रभाव का विश्लेषण करते हैं, विशेष रूप से उनकी कहानियों के फिल्मी अनुकूलनों के माध्यम से। हमारी पड़ताल यह दर्शाती है कि कैसे प्रेमचंद की रचनाएँ न केवल साहित्यिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि उन्होंने भारतीय सिनेमाई धारा को भी प्रभावित किया है और विकसित किया है। यह शोध विशेष रूप से 'गोदान', 'निर्मला', और 'शतरंज के खिलाड़ी' जैसी कृतियों के फिल्मी रूपांतरणों के विश्लेषण पर केंद्रित है।

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