IJFANS International Journal of Food and Nutritional Sciences

ISSN PRINT 2319 1775 Online 2320-7876

लोक गीतों में समाहित है हरियाणवी संस्कृति

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डा. मजु सागवान

Abstract

संस्कृति कोई भी हो, वो एक क्षेत्र विशेष में सम्बंध रखती है। उस क्षेत्र विशेष के लोगों की रहन-सहन रीति-रिवाज, भाषा-बोली, आचार-विचार होता उस क्षेत्र विशेष को लोक संस्कृति कह सकते हैं। संस्कृति एक क्षेत्र विशेष लोक जीवन के लम्बे समय तक जीने के तौर-तरीके ही लोक संस्कृति कहलाते हैं, यहां की लोक संस्कृति का प्राचीन लिखित साहित्य कम है, पर पीढ़ी दर पीढ़ी लोक गीतों, सांगों, रागनियों और भजनों में देखी जा सकती है। धन-धान्य से परिपूर्ण हरियाणा की पहचान 'जित दूध दही का खाना, हरा भरा हरियाणा', हरियाणवी मेहमान नवाजी, मेहतकश व हर हाल में खुशी से रहने वाले हैं, हर बात में हाजिर नवाबी व मजाकिये अंदाज में बात करते है, यहां के चुटकले कहावतें, हर दुःखी मन का हंसने पर मजबुर कर देते हैं।

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