Volume 14 | Issue 5
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भारत में व्यापार और विदेशी निवेश ने पिछले कुछ दशकों में आर्थिक विकास को तेज़ी से बढ़ावा दिया है। वैश्वीकरण के इस दौर में, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) ने भारतीय उद्योगों में तकनीकी उन्नति, उत्पादन क्षमता में वृद्धि, और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। व्यापार की सुगमता, जैसे कि व्यापार नीति में सुधार और मुक्त व्यापार समझौते, ने भारतीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बना दिया है। विदेशी कंपनियों द्वारा किए गए निवेश ने भारतीय विनिर्माण, सेवा, और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में नए अवसर उत्पन्न किए हैं, जिससे आर्थिक विकास को गति मिली है। इसके अलावा, विदेशी निवेश से पूंजी, नई तकनीक, और प्रबंधन विशेषज्ञता का प्रवाह हुआ है, जिससे भारतीय उद्योगों की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता में सुधार हुआ है। यह न केवल भारत के लिए विदेशी मुद्रा का स्रोत बना है, बल्कि घरेलू बाजारों के लिए भी विकास के नए रास्ते खोले हैं। इस प्रकार, व्यापार और विदेशी निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण विकासात्मक उपकरण साबित हुए हैं, जो दीर्घकालिक समृद्धि और आर्थिक स्थिरता की दिशा में मदद कर रहे हैं।