IJFANS International Journal of Food and Nutritional Sciences

ISSN PRINT 2319 1775 Online 2320-7876

हिंदी साहित्य में दलित चत्तना

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Dr.Hasankhan K Kulkarni

Abstract

सहश्र वर्षों की जाती व्यवस्था मनुष्य के अपने-अपने धर्म प्रचार के प्रयत्न, सामाजिक और भौगोलिक कारणों से हमारे देश में अनेक जातियाँ। देखने को मिलती हैं। माम जात है कि ब्राह्मणों की ही जाति व उपजातियों की संख्या 800 से अधिक है । ब्लूमफिल्ड के अनुसार ब्राह्मणों में ही 2000 से अधिक जाति उपजातियाँ। हैं। 1901 की जनगणना के अनुसार इनकी संख्या 2378 मानी जाती है। हमारे भारत में मनुस्मृति के वर्ण भेद नीती के आधार पर नी प्रमुख जातियाँ।

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