Volume 14 | Issue 4
Volume 14 | Issue 4
Volume 14 | Issue 4
Volume 14 | Issue 4
Volume 14 | Issue 4
कबीर भारतीय भक्ति आंदोलन और ज्ञान मार्गी शाखा के प्रमुख प्रवर्तक थे। उनकी रचनाएँ जैसे साखी, रमैनी, और बीजक ने आत्मज्ञान, समानता, और मानवता के संदेश को सरल भाषा में प्रस्तुत किया। कबीर ने धार्मिक पाखंड, जातिवाद, और सामाजिक भेदभाव का खंडन करते हुए प्रेम और करुणा के माध्यम से सत्य की खोज को प्राथमिकता दी। उनकी शिक्षाएँ तत्कालीन समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने में सहायक रहीं और आज भी जाति, धर्म, और साम्प्रदायिकता से जूझ रहे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। यह अध्ययन कबीर के दर्शन, उनकी रचनाओं में ज्ञान मार्ग की अभिव्यक्ति, और उनकी शिक्षाओं के सामाजिक प्रभाव को रेखांकित करता है।