IJFANS International Journal of Food and Nutritional Sciences

ISSN PRINT 2319 1775 Online 2320-7876

नैतिकता की आढ़ में भारत में पीत पत्रकारिता

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डॉ रूपेश शर्मा

Abstract

इस शोध का उद्देश्य यह जानना है कि पीत पत्रकारिता में भारत की जनता की सोच को कैसे प्रभावित किया है। भारत के मीडिया हाउस पीत पत्रकारिता से अनभिज्ञ नहीं हैं। भारत में पीत पत्रकारिता ने अचानक से जोर नहीं पकड़ा है अपितु पिछले तीन दशकों से पीत पत्रकारिता ने भारत के पाठकों व दर्शकों को व्यापक रूप से प्रभावित किया है। आज टी.वी. चैनलों, समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के विकास का एक ही उद्देश्य है कि हमने सबसे पहले खबर को प्रकाशित किया है या टी.वी. पर हमने सबसे पहले खबर को ब्रेक किया गया है। इन्ही सब कारणों ने भारत में ऐसे समाचार पत्रों का प्रसार अन्य समाचार पत्रों की तुलना में बढ़ जाता है, यह भी कह सकते हैं कि टी.वी. पर उस चैनल की टीआरपी अन्य चैनलों की तुलना में कई गुणा बढ़ जाती है। पीत पत्रकारिता शुद्ध रूप से वाणिज्य, कमर्शियल पत्रकारिता कहलाती है। मगर इसके संपादक इस प्रकार की पत्रकारिता को वैध पत्रकारिता का आवरण पहनाने में लगे हुए हैं।

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