Volume 13 | Issue 4
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प्रस्तुत शोधपत्र मे गाँधी वादी विचारक और अपने आचरण से गाँधी के विचारो का दृढ़ता के साथ स्थापित कर डॉ.एस.एन.सुब्बाराव ने राष्ट्रीय एकता, अखण्डता एवं सद्धभावना को मजबूत करने हेतु पूरे देश के लाखो नौजवानों को प्रेरित किया है। चम्बल घाटी मे विकास और देश के निर्माण मे उनके अमूल्य योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। नई दुनियाँ के संपादकीय मे लिखा था- सुब्बाराव का नाम भारत से पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक एक ऐसे अनूठे व्यकतित्व के रूप मे जाना जाता है जिसने लाखो लोगो के रचनात्मकता को गाँधी वादी धारा से जीवंत रूप से जोड़ा। वे जब अपने अभियान और जागरण का भारतीय रूप लेकर जन-जन के बीच निकलते है तो लगता है मानो सेवा साधना शांति एवं प्रेम का एक चलित तपोवन उनकी यात्रा मे शरीक है। सुब्बाराव ने आत्मपरिवर्तन की यात्रा में कांग्रेस के शीर्षस्थ नेताओ मे फुट पड़ने के बाद सुब्बाराव ने दोनों गुटों से संबंध बनाए रखे और देश की युवा शक्ति को निर्देशन कर राष्ट्रीय एकता बनाने में योगदान किया। अंधकार से प्रकाश की और में सुब्बाराव ने चम्बल घाटी में अहिंसा के बल पर डाकुओ के ह्रदय परिवर्तन कर शांति स्थापित कि। नवभारत के निर्माण के लिए डॉ.एस.एन.सुब्बाराव ने राष्ट्रीय युवा योजना की स्थापना कर देश के कोने-कोने मे शिविर लगा कर युवाओ को दिशा निर्देशन किया। राष्ट्रीय एकता को बनाये रखने व कोई झगड़ा न हो दंगा न हो भाई जी द्वारा प्रेरित नौजवान भारतवर्ष में फैले है या कहे भाई जी शांति के सिपाहियों को प्रशिक्षण युवा शिविरों के माध्यम से देशो के उदाहरण जो भाषा- धर्म के नाम पर टूट गए ऐसा भारत में ना हो। देश में राष्ट्रीय एकता बनी रहे इसके लिए सुब्बाराव ने प्रयास किये है।