IJFANS International Journal of Food and Nutritional Sciences

ISSN PRINT 2319-1775 Online 2320-7876

जनसंचार माध्यम और मीडिया की भाषा

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डॉ। शिवकांत रामकिसन सुरकुटे

Abstract

संचार जीवन की निशानी है। मनुष्य जब तक जीवित है वह संचार करता रहता है। यहां तक की एक बच्चा भी संचार के बिना नहीं रह सकता। वह रोकर या चिल्लाकर अपनी मां का ध्यान अपनी और खींचता है। एक तरह से संचार खत्म होने का अर्थ है-मृत्यु। वैसे तो प्रकृति में सभी जीव संचार करते हैं लेकिन मनुष्य की संचार करने की क्षमता और कौशल सबसे बेहतर है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और उसे सामाजिक प्राणी के रूप में विकसित करने में उसकी संचार क्षमता की सबसे बड़ी भूमिका रही है। परिवार और समाज में एक व्यक्ति के रूप में हम अन्य लोगों में संचार के जरिए ही संबंध स्थापित करते हैं और रोजमर्रा की ज़रूरतें पूरी करते हैं। संचार ही हमें एक दूसरे से जोड़ता है। सभ्यता के विकास की कहानी संचार और उसके साधनों के विकास की कहानी है। मनुष्य ने चाहे भाषा का विकास किया हो या लिपि का या फिर छपाई का इसके पीछे मूल इच्छा संदेशों के आदान-प्रदान की ही थी।

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