Volume 14 | Issue 4
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छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, लोक परंपराओं, और विविध उत्सवों के लिए जाना जाता है। ये सांस्कृतिक उत्सव न केवल परंपराओं को जीवित रखते हैं, बल्कि समाज में एकता, सामूहिकता, और समरसता का संदेश भी देते हैं। इस शोध पत्र में छत्तीसगढ़ के प्रमुख सांस्कृतिक उत्सवों जैसे हरेली, पोला, तीजा, करमा, छेरछेरा, और बस्तर दशहरा का अध्ययन किया गया है। इसमें युवाओं की भूमिका को केंद्रीय विषय के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जहां वे पारंपरिक मूल्यों को संरक्षित करने, आधुनिक तकनीकों के माध्यम से उनका प्रचार-प्रसार करने, और सांस्कृतिक धरोहर को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।