IJFANS International Journal of Food and Nutritional Sciences

ISSN PRINT 2319 1775 Online 2320-7876

गाँधी के राजनैतिक विचारों पर पश्चिमी विचारों का प्रभाव

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वन्दना शर्मा , वीना कुर्रे

Abstract

गाँधी जी के राजनैतिक विचारों में जहाँ भारतीय सभ्यता एवं विचारों की छवि उनके व्यक्तित्व पर प्रभाव डालती है तो वही पश्चिमी सभ्यता एवं उनके विचारों ने गाँधी के अंतर्मन को प्रभावित किया था। गाँधी और सुकरात के विषय में एडवर्ड थमसन ने कहा है कि ‘‘मेरा यह विश्वास है कि सुकरात के बाद गाँधीजी के समान आत्मसंश्यी और सम्पूर्ण सन्तुलन वाला व्यक्ति विश्व मे नही देखा।“ संसार का पहला सत्याग्रही जेल भेजा गया और उसे मौत की सजा दे दी गई। जब वह मौत से पहले जेल में था तो उसके शिष्य क्रीटो ने जेल से भागने के लिए कहा और उसने भागने की सारी व्यवस्था कर दी। तब सुकरात ने अपने शिष्य क्रीटो से कहा कि कानून का पालन करो, जब केवल भौतिक हितों का प्रश्न हो...... उसका उल्लंघन करो, और दुखी होकर उल्लंघन करो। गाँधी के मानस पटल पर सुकरात का अंहिसा एवं सत्याग्रह इतना प्रभावशाली हुआ कि उन्होंने उस पर प्लेटो के द्वारा लिखी गयी किताब ‘‘द अपोलोजी एण्ड द क्रीटों ¼The Apology and the Crito½का पुनर्लेखन किया और उसका नामद स्टोरी ऑफ सत्याग्रह¼The story of Sutyagarh½रखा। ^^

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